तालाबंदी के बीच कोरोना वायरस के खिलाफ़ जंग में रेलवे ऐसे दे रहा है इंडिया का साथ

देश भर में 21 दिनों की तालाबंदी के बीच रेलवे ने सभी यात्री सेवाओं को निलंबित कर दिया मगर राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने विभिन्न तरीकों से कोरोना वायरस के खिलाफ़ लड़ाई जारी रखी है।

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मास्क, सैनिटाइज़र, वेंटिलेटर बनाने तथा अपने कोचों को आइसोलेशन वार्डों में परिवर्तित करने के साथ ही यह रहे 4 प्रमुख तरीके जिनसे रेलवे कोरोना वायरस से लड़ने में देश की मदद कर रहा है:

रेलवे ने ग़रीबों में 8.5 लाख प्लेट से अधिक भोजन किया वितरित

28 मार्च से अब तक रेलवे ग़रीबों और ज़रूरतमंदों में 8.5 लाख से अधिक प्लेट भोजन वितरित कर चुका है। इनमें से 6 लाख से अधिक भोजन आईआरसीटीसी द्वारा प्रदान किए गए हैं, लगभग 2 लाख भोजन रेलवे सुरक्षा बल द्वारा परोसे गए हैं और लगभग 1.5 लाख भोजन रेलवे के साथ काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों द्वारा प्रदान किए गए हैं।


रेलवे ने तालाबंदी
के पहले 2 सप्ताह में दिया 2 लाख से अधिक क्वेरीज़ का जवाब 

आम जनता की सुविधा के लिए राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर तालाबंदी में अपनी विभिन्न हेल्पलाइनों की 24×7 निगरानी कर रहा है। पहले दो हफ्तों में रेलवे कर्मियों द्वारा 2 लाख से अधिक क्वेरीज़ का जवाब दिया गया है, जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक क्वेरीज़ फोन पर बातचीत के माध्यम से सुलझाई गई हैं।

महिला द्वारा पीएम को ट्वीट करने के बाद रेलवे ने पहुँचाया 20 लीटर ऊंट का दूध

रेलवे ने मुंबई में एक महिला को 20 लीटर ऊंट का दूध पहुँचाया जब उन्होंने तालाबंदी के कारण उसकी अनुपलब्धता के बारे में ट्वीट किया। उन्हें ऊंट का दूध अपने साढ़े तीन साल के ऑटिस्टिक बच्चे के लिए चाहिए था क्योंकि उसे बकरी, गाय और भैंस के दूध से एलर्जी है।


रेलवे पेरिशबल फूड आइटम्स को ट्रांसपोर्ट करने के लिए चला रहा है स्पेशल ट्रेनें 

रेलवे देश भर में फलों, सब्जियों, दूध सहित अन्य खाद्य पदार्थों और बीजों के परिवहन के लिए विशेष ट्रेनें चला रहा है, ताकि तालाबंदी के दौरान इन उत्पादों की कमी न हो। इसके लिए अब तक 62 मार्गों की पहचान की जा चुकी है और इन मार्गों पर 171 समयबद्ध ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के ये प्रयास वाकई में सराहनीय हैं। यह ख़बर अधिक से अधिक शेयर करें एवं घर पर रहें, सुरक्षित रहें!