जानें मौनी अमावस्या के अद्भुत संयोग का महत्व, मुहूर्त और सावधानियाँ!

आज मौनी अमावस्या है और इस बार, यह महत्वपूर्ण दिन अद्भुत संयोग के साथ है। कई वर्षों बाद, मौनी अमावस्या सोमवार को आया है, जिससे यह दिन और भी शुभ हो गया है। दूसरा शाही स्नान होने की वजह से आज के दिन संगम तट पर भारी भीड़ जुटी रहेगी।  

महत्व:

धार्मिक दृष्टिकोण और ज्योतिष शास्त्र में मौनी अमावस्या की तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है। पितृदोष से मुक्ति पाने हेतु यह अवसर शुभ माना जाता है।
मौनी अमावस्या पर मौन रहकर तथा शुद्ध आचरण करके स्नान करने के विशेष महत्व के कारण ही यह तिथि मौनी अमावस्या कहलाती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।  

मुहूर्त:

मौनी अमावस्या 3 फरवरी और 4 फरवरी की मध्य रात्रि से शुरू हो जाएगी और सोमवार की आधी रात तक रहेगी। सोमवार को दिनभर मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त है।

सावधानियाँ:

– सूर्योदय से पहले उठें

– अपने स्नान के जल में किसी पवित्र नदी का जल या गंगाजल जरूर मिलाएँ

– उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ मुँह करके सबसे पहले यह जल अपने सिर पर डालें उसके बाद स्नान करें

– स्नान के बाद भगवान सूर्यनारायण को जल में तिल और गुड़ डालकर अर्घ्य दें

– सुबह के समय गंगा जी में स्नान करने या अपने घर में नहाने के पानी में गंगा जल मिलाने से शारीरिक, भौतिक और दैविक तीनों तरह के पाप दूर हो जाते हैं