252 रेल पुलों को ट्रेन यात्रा के लिए पाया गया असुरक्षित

रेलवे बोर्ड ने देश में सभी रेल पुलों की समीक्षा करने का आदेश दिया है।बोर्ड ने पाया है कि इस तरह के 275 पुलों में केवल 23 में ही गति पाबंदी है। बोर्ड ने इससे पहले पुलों की स्थिति के बारे में विवरण मांगा था और इसमें यह पाया गया कि ट्रेनें 252 जीर्ण पुल पर अपनी सामान्य गति से गुजरती हैं, जो बिलकुल सुरक्षित नहीं है।

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बोर्ड के आदेश के मुताबिक, “सीबीई (मुख्य ब्रिज इंजीनियर्स) को सभी पुलों के संबंध में स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए … और प्राथमिकता पर पुनर्वास के लिए कार्य योजना को मजबूत करना चाहिए।”

रेलवे अपने पुलों की तीन रेटिंग संपूर्ण रेटिंग नंबर (ओआरएन), 1,2,3 करता है। इसमें ओआरएन-1 रेटिंग पुलों में तुरंत निर्माण की आवश्यकता होती है, ओआरएन-2 रेटिंग के तहत कार्यक्रम आधार पर पुनर्निर्माण होना चाहिए, जबकि ओआरएन-3 पुलों को खास मरम्मत की जरूरत होती है।

बोर्ड के पिछले महीने के आदेश में कहा गया, “ऐसा प्रतीत होता है कि रेलवे ने इन पुलों के पुनरुद्धार के लिए समुचित समयबद्ध योजना नहीं तैयार की है। इससे संदेह पैदा होता है कि क्या सही स्थिति रेटिंग पुलों की असल स्थिति के लिए उपयुक्त है या नहीं।”

रेलवे बोर्ड ने कहा कि कुछ जोनल रेलवे में लंबे समय से बड़ी संख्या में मौजूदा पुलों के पुनरुद्धार की जरूरत है। मध्य रेल में इस तरह के 61 पुल, पूर्वमध्य रेल में 63, दक्षिण मध्य रेल में 41 और पश्चिमी रेल में ऐसे 42 पुलों का पुननिर्माण लंबित है।