2021 में बरसाना और नंदगाँव में होगी लट्ठमार होली की धूम; इस वर्ष की तिथियाँ एवं स्थान यहाँ देखें!

मथुरा के पुरुषों के लिए, होली पर लट्ठ से पड़ने वाली मार से ज़्यादा कुछ भी रोमांचक नहीं होता है।   

लोकगीत, गुलाल और भोज के साथ तैयार होकर प्रतिवर्ष नंदगांव से सैकड़ों पुरुष परम्परा निभाते हुए, बरसाना की महिलाओं को परेशान करने के लिए यहाँ आते हैं। और आप जानते हैं कि औरतों की क्या प्रतिक्रया होती है? हाथ में लाठी लेकर, वे उन पर टूट पड़ती हैं और पुरुषों को मखमली ढाल के नीचे स्वयं को बचाना होता है। 

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लट्ठमार होली  उमंग और ज़िंदादिली का प्रतीक है।  

यह कार्यक्रम होली से एक सप्ताह पहले हर साल मनाया जाता है, इस दौरान आप दोनों शहरों में पर्यटकों और फोटोग्राफ़र्स की भीड़ देख सकते हैं।  

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क्यों मनायी जाती है लट्ठमार होली?

लट्ठमार होली का संबंध भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ा हुआ है।  

कथानुसार, श्री कृष्ण नंदगाँव में रहते थे, जबकि बरसाना उनकी प्रेमिका राधा का निवास स्थान था। एक बार उन्होनें, राधा और उनकी सखियों को काफ़ी परेशान किया।   और तब सभी महिलाओं ने उन्हें सबक सिखाने का फैसला लिया एवं उन्हें लाठियों से आक्रमण करते हुए बरसाना से बाहर निकाल दिया। उत्तरी भारत के ब्रज क्षेत्र में दोनों शहरों के निवासी इस परम्परा को आज भी उत्सवपूर्ण तरीके से मनाते हैं।

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‘हुरियारन’ कहलाने वाली महिलाएँ भी भागते हुए पुरुषों को पकड़ने की कोशिश करती हैं, जिन्हें ‘हुरियारे’ कहा जाता है। पकड़े जाने वालों को महिलाओं के वस्त्र धारण कर नृत्य करना होता है।   

लट्ठमार होली 2021 की तिथि 

इस साल बरसाना की लट्ठमार होली 23 मार्च को शहर के राधा रानी मंदिर में होगी, जबकि नंदगाँव लट्ठमार होली 24 मार्च को नंदबाबा मंदिर (जिसे नंद भवन के नाम से भी जाना जाता है) में संपन्न होगी। इस कार्यक्रम को रंगोत्सव भी कहा जाता है, और हाल ही में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे ‘राज्य मेला’ का दर्जा भी प्राप्त हुआ है।

मथुरा के जिला पर्यटन अधिकारी, श्री डी.के. शर्मा के अनुसार, लट्ठमार होली समारोह में भाग लेने वाले पर्यटकों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित यात्रा दिशानिर्देशों के अलावा कोई अन्य प्रतिबंध नहीं हैं


उन्होंने आगे कहा कि बरसाना में आकर्षक रोशनी और सजावट की व्यवस्था की जा रही है, साथ ही राधा रानी मंदिर जाने वाले आगंतुकों के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थल भी है।

बरसाना कैसे पहुँचे?

बरसाना और नंदगाँव के लिए निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन मथुरा (लगभग 1 घंटे दूर), कोसी कलाँ (25-30 मिनट दूर) और भरतपुर (बरसाना से 1.5 घंटे, नंदगाँव से 2.5 घंटे) दूर स्थित हैं। कार से बरसाना और नंदगाँव के बीच की दूरी केवल 20 मिनट में तय की जा सकती है, इसलिए दोनों शहरों में  होने वाली लट्ठमार होली में शामिल हुआ जा सकता है।  

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दोनों शहरों के लिए निकटतम हवाई अड्डा आगरा में खेरिया हवाई अड्डा (2.5 घंटे) है, इसके बाद दिल्ली का इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (लगभग 3 घंटे) है।


हम अपने सभी यात्रियों को सलाह देते हैं कि वे बुकिंग करने से पहले अपने राज्य की बाहरी यात्रा और उत्तर प्रदेश में लागू यात्रा नियमों की अच्छी तरह से जाँच कर लें । आपकी होली मंगलमय हो!

तस्वीर साभार: Narender9/CC BY SA-3.0/Wikimedia Commons